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सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ़ इंडिया (एसटीपीआई) के बारे में
सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ़ इंडिया (एसटीपीआई) इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एम.ई.आई.टी.वाई.) के तहत एक प्रमुख साइंस एवं टेक्नोलॉजी संगठन है, जो इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स (आई.ओ.टी.), ब्लॉकचेन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ऐ.आई.), मशीन लर्निंग (एम.एल.), कंप्यूटर विजन, रोबोटिक्स, रोबोटिक्स प्रोसेस ऑटोमेशन (आर.पी.ऐ.), ऑगमेंटेड एंड वर्चुअल रियलिटी, एनिमेशन एंड विजुअल इफेक्ट,
मेडटेक
एसजीपीजीआई, लखनऊ में मेडीइलेक्ट्रॉनिक्स और स्वास्थ्य सूचना विज्ञान में एक सीओई
उद्देश्य: चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिक्स और स्वास्थ्य सूचना विज्ञान के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी आधारित स्टार्टअप की स्थापना और विकास को प्रोत्साहित करना, उनकी सफलता और विकास के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा, सलाह, विपणन, वित्त पोषण और पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करना।
फोकस क्षेत्र: मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स और स्वास्थ्य सूचना विज्ञान ।
1991
सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ़ इंडिया की स्थापना के लिए 5 जून को 3 एसटीपी का विलय कर दिया गया, जिसने भारतीय आईटी उद्योग की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक प्रतिमान बदलाव किया।
2019
उभरती तकनीक में भारत के नेतृत्व का निर्माण करने के लिए, एसटीपीआई ने पूरे भारत में सहयोगात्मक मॉडल पर 21 डोमेन-सेंट्रिक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) की स्थापना की।
इसके अलावा, एसटीपीआई ने पहली फैब लैब को मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, यूएसए के सहयोग से एक टीयर-II शहर भुवनेश्वर में स्थापना किया। 1992 से लेकर आजतक एसटीपीआई इकाइयों ने बड़े पैमाने पर संचयी रूप से 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश (एफडीआई सहित) हासिल किया।
एसटीपीआई ने फिनब्लू, न्यूरॉन, आई.ओ.टी. ओपनलैब, मोशन, वीऐआर सीओई और इलेक्ट्रोप्रेनुर पार्क भुवनेश्वर जैसे 6 सीओई लॉन्च किए।